लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> इक्कीसवीं सदी बनाम उज्जव भविष्य भाग-1

इक्कीसवीं सदी बनाम उज्जव भविष्य भाग-1

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15494
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

विज्ञान वरदान या अभिशाप

Ikkeesvin Sadi Banam Ujjawal Bhavishya - 1 : a Hindi Book by Sriram Sharma Acharya

पिछले दिनों बढ़े विज्ञान और बुद्धिवाद ने मनुष्य के लिए अनेक असाधारण सुविधाएँ प्रदान की हैं, किंतु सुविधाएँ बढ़ाने के उत्साह में हुए इनके अमर्यादित उपयोगों की प्रतिक्रियाओं ने ऐसे संकट खड़े कर दिए हैं, जिनका समाधान ननिकला, तो सर्वविनाश प्रत्यक्ष जैसा दिखाई पड़ता है।

इस सृष्टि का कोई नियंता भी है। उसने अपनी समग्र कलाकारिता बटोर कर इस धरती को और उसकी व्यवस्था के लिए मनुष्य को बनाया है। वह इसका विनाश होते देख नहीं सकता।नियंता ने सामयिक निर्णय लिया है कि विनाश को निरस्त करके संतुलन की पुनः स्थापना की जाए।
सन् १९८९ से २००० तक युग संधिकाल माना गया है। सभी भविष्यवक्ता, दिव्यदर्शी इसे स्वीकार करते हैं। इस अवधि में हर विचारशील, भावनाशील, प्रतिभावान को ऐसी भूमिका निभाने के लिए तैयार-तत्पर होना है, जिससे वे असाधारण श्रेय सौभाग्य के अधिकारी बन सकें।

 

इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य

अनुक्रम


Next...

प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai